Swati Sharma

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लेखनी कहानी -07-Nov-2022 हमारी शुभकामनाएं (भाग -24)

हमारी शुभकामनाएं:-

हल्दी की रस्म:-

                     हल्दी समारोह वह है जिसमें हल्दी का पेस्ट दूल्हे और दुल्हन के शरीर पर उनकी शादी से पहले लगाया जाता है । हल्दी की रस्म शादी के दिन की सुबह दूल्हे और दुल्हन के घर पर या विवाह स्थान पर आयोजित होता है। कुछ संस्कृतियों में, यह समारोह मेहंदी की रस्म के बाद शादी से एक दिन पहले भी आयोजित किया जाता है।
                     हल्दी को भारतीय परंपरा में बेहद शुभ माना गया है, इसलिए इस रस्म को शादी से पहले ज़रूर निभाया जाता है। जिसमें दुल्हे और दुल्हन को हल्दी का पेस्ट लगाया जाता है। हल्दी में तेल और पानी मिलाकर इस पेस्ट को तैयार किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शादी से पहले हल्दी लगाने से जोड़े को नई ज़िंदगी के लिए आशीर्वाद मिलता है। साथ ही हल्दी में त्वचा पर निखार लाने और ग्लोइंग बनाने के गुण भी होते हैं।
                     ज्यादातर लोगों का मानना ​​है कि हल्दी लगाने का कारण बुरी आत्माओं को दूल्हा और दुल्हन को प्रभावित करने से बचाना है। यही कारण है कि दूल्हा और दुल्हन को आमतौर पर हल्दी की रस्म के बाद शादी के मुहूर्त तक घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। कुछ परंपराओं में, उन पर एक पवित्र लाल धागा बांधा जाता है या बुरी नज़र से बचाने के लिए कुछ छोटे ताबीज़ और अन्य सामान दिए जाते हैं।भारतीय परंपरा में हल्दी का पीला रंग बेहद शुभ माना जाता है। हल्दी की शुभता और इसका रंग जोड़े के जीवन में समृद्धि लाता है, जो एक साथ अपना नया जीवन शुरू कर रहे हैं। यही वजह है कि कई संस्कृतियों में, दूल्हा और दुल्हन अपनी शादी के दिन भी पीले रंग के कपड़े पहनते हैं।
                      पुराने ज़माने में जब ब्यूटी ट्रीटमेंट्स और पार्लर उपलब्ध नहीं थे, उस वक्त खूबसूरत त्वचा के लिए प्राकृतिक नस्खों का इस्तेमाल किया जाता था, ताकि शादी के दिन दुल्हा और दुल्हन के चेहरे पर निखार दिखे। हल्दी त्वचा का रंग निखार कर ग्लो लाने का काम करती है।
                      क्योंकि हल्दी में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनमें से एक एंटीसेप्टिक भी है। इसको लगाने से दुल्हा और दुल्हन की त्वचा शादी के लिए बेदाग रहेगी।
                     भारतीय परंपरा में हल्दी का महत्व बड़ा है, क्योंकि यह शरीर को शुद्ध कर इसे साफ करती है। इसे कारगर एक्सफोलिएंटिंग एजेंट भी माना जाता है। हल्दी सेरेमनी के बाद जब नहाया जाता है, तो इससे डेड सेल्स निकल जाते हैं और स्किन डिटॉक्स हो जाती है।
                     स्किन और शरीर की सफाई, खूबसूरत और डिटॉक्स के अलावा, हल्दी शादी से पहले होने वाली घबराहट को भी दूर करती है। करक्यूमिन, एक एंटीऑक्सिडेंट जो हल्दी में मौजूद होता है, एक हल्के एंटी-डिप्रेसेंट और सिरदर्द के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में भी काम करने के लिए जाना जाता है।
                     हल्दी , शादी की तैयारियों का प्रतीक भी होता है। इस सेरेमनी का मतलब ही यह होता है कि दुल्हा और दुल्हन शादी के लिए तैयार हैं। सिर्फ इतना ही नहीं हल्दी उन्हें रिलेक्स करने में भी मदद करती है।
                     जैसा कि आप जानते होंगे कि पीला रंग वसंत, खुशी और नई शुरुआत से जुड़ा है। हिंदू शादी की रस्मों में लाल के बाद पीला दूसरा सबसे शुभ रंग है। हल्दी लगाने के पीछे एक कारण यह भी है कि दूल्हा और दुल्हन शांति और समृद्धि को आमंत्रित करती हैं। जो महिलाएं इस रस्म में शामिल होती हैं, या जो हल्दी लगाती हैं, वे होने वाले दूल्हे और दुल्हन को ढेर सारी खुशियों का आशीर्वाद देती हैं।
                      भूमिका के ताऊजी की लड़की के विवाह पर जब सभी इस रस्म को निभा रहे थे। भूमिका ने चुपके से मां से इस रस्म के विषय में पूछा। मां ने उसे पाया से यह सब समझाया। अतः भूमिका ने भी सब कुछ जान लेने के पश्चात् अपनी बहन को खुशी खुशी हल्दी लगाई। भूमिका की मां ने भी इस रस्म को पूर्ण कर भावी वधु को आशीर्वाद दिया।

#30 days फेस्टिवल / रिचुअल कम्पटीशन

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8 Comments

Supriya Pathak

09-Dec-2022 09:26 PM

Nice 👍🙂

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Swati Sharma

10-Dec-2022 10:22 PM

Thanks 🙏🏻

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Bahut hi sundar rachna

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Swati Sharma

08-Dec-2022 04:34 PM

Thank you ma'am

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Gunjan Kamal

17-Nov-2022 01:55 PM

शानदार प्रस्तुति

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Swati Sharma

17-Nov-2022 03:22 PM

Dhanyawaad

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